कैंसर कई तरह के होते हैं, और इसके लिए मरीजों को अलग-अलग टेस्ट करने पड़ते हैं, ऐसे में जरूरी है कि सिंग डायग्नोसिस से कई टाइप्स ऑफ कैंसर का पता लगाकर मेडिकल कॉस्ट को कम किया जा सके.
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Single Test For Multiple Cancers: कैंसर के डायग्नोसिस का दायरा विकसित हो रहा है, इसका पता लगाने के लिए मरीजों तो कई तरह के टेस्ट कराने पड़ते हैं. ऐसे में कैंसरस्पॉट है, एक नए तरीके का टेस्ट जो सिंगल, मिनिमली इनवेसिव प्रोसीजर के जरिए कई कैंसर का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है. ये इनोवेशन अर्ली, एक्यूरेट और कंप्रीहेंसिव कैंसर का पता लगाने की तुरंत जरूरत को अड्रेस करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का फायदा उठाता है.
कैसे होता है टेस्ट?
डॉ. समीर भाटी (Dr. Sameer Bhati) के मुताबिक कैंसरस्पॉट लिक्विड बायोप्सी का इस्तेमाल करता है, एक नॉन-इनवेसिव डायग्नोस्टिक अप्रोच करता है, जो रोगी के खून में सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए (ctDNA) और दूसरे बायोमार्कर का विश्लेषण करता है. नेक्स्ट जेनेरेशन सिक्वेंसिंग (NGS) और मेथिलेशन प्रोफाइलिंग जैसी उन्नत तकनीकें कैंसरस्पॉट को कई तरह के कैंसर से जुड़े जेनेटिक और एपिजेनेटिक अलट्रेशन का पता लगाने में सक्षम बनाती हैं. ये मल्टिपल अप्रोच हाई सेंसिटिविटी और स्पेसिफिसिटी सुनिश्चित करता है, यहां तक कि उन कैंसर के लिए भी जिनका शुरुआती स्टेज में डायग्नोज करना चैलेंजिग होता है.
टेस्ट का एल्गोरिथ्म ट्यूमर-स्पेसिफिक जीनोमिक सिग्नेचर के विशाल डेटासेट को इंटीग्रेट करता है, जिससे इसे घातक और सौम्य संकेतों के बीच अंतर करने की इजाजत मिलती है. ये प्रीसीजन गलत सकारात्मक परिणामों को कम करती है, टेस्ट की रिलायबलिी को एक डायग्नोस्टिक टूल के रूप में बढ़ाती है.
इस एडवांस टेस्ट के फायदे
1. मल्टी-कैंसर डिटेक्शन
कैंसरस्पॉट एक साथ कई कैंसर की पहचान कर सकता है, जिसमें लंग्स, ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, पैंक्रियाज और ओवरी समेत कई तरह कैंसर शामिल हैं, जो एक होलिस्टिक डायग्नोस्टिक ओवरव्यू देता है.
2. अर्ली डिटेक्शन
शुरुआती और अक्सर बिना लक्षण वाले स्टेज में कैंसर की पहचान करके, कैंसरस्पॉट कामयाब इलाज और बेहतर सर्वाइवल रेट की संभावना को काफी बढ़ा देता है.
3. गैर-आक्रामकता
ये टेस्ट कई बायोप्सी की जरूरत को बदल देता है, जिससे पेशेंट की डिसकंफर्ट और प्रोसीड्यूरल रिस्क को कम हो जाता है.
4. खर्च आएगा कम
जाहिर सी बात है कि जब इतने सारे कैंसर का पता सिंगल टेस्ट से लग जाएगा तो तो इससे पेशेंट का खर्च कम होगा और उन पर फाइनेंशियल बर्डेन भी घटेगा.
क्लीनिकल बेनेफिट
कैंसरस्पॉट का पर्सनलाइज्ड मेडिसिन के लिए गहरा असर है. स्पेसिफिक म्यूटेशन और बायोमार्कर की पहचान करके ये टेस्ट टार्गेटेड थेरेपीज का मार्गदर्शन करता है और ऑन्कोलॉजिस्ट को टेलर्ड ट्रीटमेंट प्लान तैयार करने में मदद करता है. इसके अलावा, डिजीज का प्रोग्रेस और थेरेपीज की तरफ रिस्पॉन्स की निगरानी करने की इसकी क्षमता इसे पेशेंट मैनेजमेंट के लिए एक वैल्यूबल टूल बनाती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.